ऐसा कई बार देखा गया है किसी व्यक्ति या व्यवसाय को कोई बड़ा ऑर्डर मिला लेकिन पूंजी की कमी के कारण उसे इस मौके को हाथ से खोना पड़ा। यह छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) की आम चुनौती है। ऐसी वित्तीय समस्याओं के लिए पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार के रूप में मददगार साबित होता है।
यह ब्लॉग पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग की बारीकियों को उजागर करेगा और आपको बताएगा कि कैसे यह आपके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
यह नया वित्तीय समाधान तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है। 2023 में, भारत में पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग मार्केट 18 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है और 2025 तक इसके 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि एसएमई इस अनोखे समाधान की क्षमता को पहचान रहे हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं।
पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग की परिभाषा
कल्पना कीजिए कि आपके सामने एक ऐसा बड़ा ऑर्डर आया है जो आपके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। लेकिन पर्याप्त सामग्री खरीदने के लिए नकदी न होने के कारण आप इस सुनहरे अवसर को खोने के कगार पर खड़े हैं। यही वह परिस्थिति है जहां पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग बचावकर्ता की भूमिका निभाता है।
सरल शब्दों में कहें, तो पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग (PO Financing) एक वैकल्पिक वित्तपोषण समाधान है जो आपको बड़े ऑर्डर के लिए आवश्यक कच्चे माल या सामग्री की खरीद के लिए अग्रिम धन उपलब्ध कराता है। यह धन एक वित्तीय संस्थान (बैंक, एनबीएफसी, आदि) द्वारा प्रदान किया जाता है, जो बदले में आपके उस विशेष ऑर्डर से जुड़े क्रय आदेश को सुरक्षा के रूप में स्वीकार करता है।
यह प्रक्रिया कुछ इस तरह चलती है
- आपको एक बड़ा ऑर्डर मिलता है, पर नकदी कम पड़ जाती है। आप वित्तीय संस्थान को अपने क्रय आदेश की जानकारी प्रदान करते हैं।
- वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट योग्यता और लेन-देन का मूल्यांकन करता है। यदि सब कुछ ठीक लगता है, तो संस्थान आपको ऑर्डर मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत (आमतौर पर 70-80%) अग्रिम भुगतान के रूप में देता है।
- आप अग्रिम भुगतान का उपयोग करके सामग्री खरीदते हैं और ऑर्डर पूरा करते हैं।
- आपका ग्राहक (ऑर्डर देने वाला) वित्तीय संस्थान को ऑर्डर राशि का भुगतान करता है।
- वित्तीय संस्थान आपको अग्रिम राशि पर ब्याज और फीस काटकर शेष राशि वापस कर देता है।
नकदी प्रवाह की कमी का सामना कर रहे व्यवसायों के लिए महत्व
नकदी प्रवाह किसी भी व्यवसाय की धमनियों में बहने वाला जीवन रक्त है। लेकिन, छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (SME) के लिए अक्सर अपर्याप्त पूंजी और अस्थिर नकदी प्रवाह एक बड़ी चुनौती बन जाते हैं। यह चुनौती तब और बढ़ जाती है जब किसी बड़े और लाभप्रद ऑर्डर का सामना करना पड़ता है। बड़ी मात्रा में सामग्री खरीदने के लिए नकदी की कमी ऐसे सुनहरे अवसरों के लिए बहुत बड़ी बाधा बन सकती है। ऐसे मौके पर पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग एक जीवनदायी वरदान की तरह काम करता है, खासकर उन व्यवसायों के लिए जो लगातार नकदी प्रवाह की अस्थिरता से जूझ रहे हैं।
आइए देखें कि नकदी प्रवाह की कमी से ग्रस्त व्यवसायों के लिए पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग कैसे एक रोशनी की किरण का रूप लेता है:
- अवसरों का उपयोग: पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग एसएमई को बड़े ऑर्डर स्वीकार करने में सक्षम बनाता है, जिससे वे अपने विकास को गति दे सकते हैं और बिना किसी हिचक के बड़े ऑर्डर स्वीकार कर सकते हैं।
- नकदी प्रवाह प्रबंधन: पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग के माध्यम से, एसएमई अपने नकदी प्रवाह को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं, जिससे वे अपने रोज़मर्रा के खर्चों को निर्बाध रूप से पूरा कर सकते हैं।
- पूंजीगत निवेश: पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग के माध्यम से प्राप्त अग्रिम भुगतान एसएमई को आवश्यक पूंजीगत निवेश करने में सहायता करता है, जिससे व्यवसाय समग्र रूप से अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बन सकता है।
- बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता: पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग एसएमई को बड़े आर्डर जल्दी पूरा करने में सक्षम बनाता है, जिससे ग्राहकों का विश्वास बढ़ता है और बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होती है।
- वित्तीय अनुशासन: पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग का समय पर उपयोग किसी व्यवसाय की वित्तीय अनुशासन और क्षमता का प्रमाण होता है, जिससे वित्तीय संस्थानों के साथ उनका रिश्ता मजबूत होता है।
पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग में शामिल संस्थाएँ
किसी भी शानदार नाटक में पात्रों के बीच तालमेल ही कहानी को जीवंत बनाता है। पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जहां तीन प्रमुख पात्र एक साथ मिलकर सफलता का ताप ताल पर थिरकते हैं। आइए, इन पात्रों का अवलोकन करें और समझें कि कैसे उनकी भूमिका मिलकर आपके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है:
- वित्तपोषण चाहने वाला व्यवसाय: यह वह व्यवसाय है जिसे एक बड़े ऑर्डर को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि यह एक जूता का मैन्युफैक्चर है जिसके पास हजार जूते बनाने का एक बड़ा ऑर्डर आया है लेकिन उसके पास उन जूते को बनाने के लिए जो रो मटेरियल चाहिए वह खरीदने के लिए पर्याप्त धन बाद नहीं है। आमतौर पर, यह एक छोटा या मध्यम आकार का व्यवसाय होता है जिसकी अपनी पूंजी सीमित होती है।
- आपूर्तिकर्ता या निर्माता: यह वह व्यवसाय है जिसे कच्चे माल का ऑर्डर किया गया है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि यह जूते की मैन्युफैक्चरिंग में उपयोग होने वाला कच्चा माल प्रदान करते हैं। और अब यह उस व्यवसाय को रॉ मैटेरियल प्रोवाइड करेंगे जिसके पास हजार जूते बनाने का आर्डर आया है।
- फाइनेंसिंग कंपनी: यह वह संस्था है जो वित्तपोषण प्रदान करती है। फाइनेंसिंग कंपनी आमतौर पर एक बैंक, एनबीएफसी, या अन्य वित्तीय संस्थान होती है।
- फाइनेंसिंग कंपनी की भूमिका: फाइनेंसिंग कंपनी वित्तपोषण चाहने वाले व्यवसाय को अग्रिम भुगतान प्रदान करती है। यह भुगतान आमतौर पर ऑर्डर मूल्य का 70-80% होता है। फाइनेंसिंग कंपनी अपने जोखिम को कम करने के लिए आपूर्तिकर्ता या निर्माता को भी सुरक्षा के रूप में रखती है।
- अनुमोदन के लिए मूल्यांकन मानदंड: फाइनेंसिंग कंपनी वित्तपोषण प्रदान करने से पहले वित्तपोषण चाहने वाले व्यवसाय की क्रेडिट योग्यता और लेनदेन का मूल्यांकन करती है। मूल्यांकन में निम्नलिखित कारक शामिल हो सकते हैं:
- व्यवसाय की वित्तीय स्थिति
- व्यवसाय की क्रेडिट इतिहास
- ऑर्डर का मूल्य
- आपूर्तिकर्ता या निर्माता की क्रेडिट योग्यता
- यदि फाइनेंसिंग कंपनी को लगता है कि लेनदेन सुरक्षित है, तो वह वित्तपोषण प्रदान करती है।
पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग की कार्य प्रक्रिया
पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग की कार्य प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों से होती है
- ग्राहक ऑर्डर प्लेसमेंट: ग्राहक आपूर्तिकर्ता को माल या सेवाओं का ऑर्डर देता है। ऑर्डर में आमतौर पर ऑर्डर का विवरण, मात्रा, मूल्य और डिलीवरी की तारीख शामिल होती है।
- आपूर्तिकर्ता मूल्यांकन: फाइनेंसिंग कंपनी आपूर्तिकर्ता की वित्तीय स्थिति और क्रेडिट योग्यता का मूल्यांकन करती है। फाइनेंसिंग कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आपूर्तिकर्ता ऑर्डर को पूरा करने में सक्षम हो।
- खरीद आदेश जारी करना: ग्राहक आपूर्तिकर्ता को एक खरीद आदेश जारी करता है। खरीद आदेश में ऑर्डर का विवरण, मात्रा, मूल्य और डिलीवरी की तारीख शामिल होती है।
- वित्तपोषण आवेदन: ग्राहक फाइनेंसिंग कंपनी को वित्तपोषण के लिए आवेदन करता है। आवेदन में खरीद आदेश की कॉपी, कंपनी की वित्तीय स्थिति और क्रेडिट रिपोर्ट शामिल होती है।
- अनुमोदन और वित्त पोषण: फाइनेंसिंग कंपनी वित्तपोषण आवेदन का मूल्यांकन करती है। यदि फाइनेंसिंग कंपनी आवेदन को मंजूरी देती है, तो वह ग्राहक को ऑर्डर मूल्य का एक निश्चित हिस्सा अग्रिम भुगतान के रूप में प्रदान करती है।
- आपूर्तिकर्ता भुगतान: फाइनेंसिंग कंपनी आपूर्तिकर्ता को ऑर्डर मूल्य का भुगतान करती है।
- आदेश पूर्ति: आपूर्तिकर्ता ऑर्डर को पूरा करता है और ग्राहक को माल या सेवाएं भेजता है।
- ग्राहक भुगतान: ग्राहक फाइनेंसिंग कंपनी को ऑर्डर मूल्य का भुगतान करता है।
- फाइनेंसिंग कंपनी को पुनर्भुगतान: ग्राहक से प्राप्त भुगतान से फाइनेंसिंग कंपनी को अग्रिम भुगतान, ब्याज और फीस का भुगतान किया जाता है।
पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग की कार्य प्रक्रिया आमतौर पर 1-2 सप्ताह में पूरी हो जाती है।
पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग के लिए आवश्यक दस्तावेज़
पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची विभिन्न कंपनियों और उनकी नीतियों पर निर्भर करती है। विभिन्न प्रकार के आवेदकों के लिए आवश्यक दस्तावेज़ अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर, आपको अपने व्यवसाय की विस्तृत जानकारी, वित्तीय स्थिति, और व्यापारिक योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए कई दस्तावेज़ की आवश्यकता हो सकती है।
हालांकि, कुछ सामान्य दस्तावेज़ जो आमतौर पर मांगे जाते हैं, वे हैं
- व्यापारी का पंजीकरण प्रमाण पत्र
- व्यापार लाइसेंस
- व्यापार के मालिक का पहचान पत्र
- व्यापार के मालिक का निवास प्रमाण पत्र
- व्यापार की वित्तीय स्थिति का विवरण
यह जरूरी है कि व्यापारी ने सभी आवश्यक दस्तावेजों की उचित तरीके से जांच की हो और उन्हें संग्रहित किया हो, ताकि वित्तीय संस्थान उनके आवेदन की समीक्षा कर सके. यदि किसी व्यापारी को इस प्रक्रिया के बारे में कोई संदेह हो, तो उन्हें वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।
पीओ फाइनेंसिंग और इनवॉइस फाइनेंसिंग के बीच क्या अंतर है?
कभी-कभी व्यापार जगत में भी हमें ऐसे शब्दों का सामना करना पड़ता है जो समान लगते हैं, लेकिन उनके अर्थ अलग-अलग होते हैं। पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग और इनवॉइस फाइनेंसिंग ऐसे ही एक समान दिखने वाले शब्द हैं जिनकी भूमिका आपस में जुड़ी तो है, लेकिन कार्यप्रणाली अलग-अलग है। चलिए, उनकी अलग हकीकत को समझते हैं।
पैरामीटर | पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग | इनवॉइस फाइनेंसिंग |
समय | मूर्त सामान बेचने वाले व्यवसाय किसी विशिष्ट उत्पाद को बेचने से पहले खरीद ऑर्डर वित्तपोषण का विकल्प चुनते हैं। | कोई भी व्यवसाय जो उत्पाद या सेवाएँ बेचता है, चालान भेजे जाने के बाद चालान फाइनेंसिंग का उपयोग करता है। |
स्वीकृत धनराशि की राशि | व्यवसाय अपने खरीद आदेशों की संख्या के आधार पर बड़ी धनराशि तक पहुंच सकते हैं। आमतौर पर, वे उस राशि का लाभ उठाते हैं जो उन्हें अपने व्यवसाय के लिए अभी तक बकाया नहीं है। | व्यवसाय उस राशि तक पहुंच सकते हैं जो उनके व्यवसाय पर बकाया है। |
शामिल पक्ष | इसमें शामिल पक्ष हैं – खरीदार, आपूर्तिकर्ता और फाइनेंसर। | शामिल पक्ष हैं – विक्रेता, ग्राहक और फाइनेंसर। |
उद्देश्य | यह बड़े ऑर्डर को जल्दी पूरा करने में मदद करता है। | यह नकदी प्रवाह आवश्यकताओं को तुरंत पूरा करने में मदद करता है। |
जारी करने, निर्गमन | क्रेता एक क्रय आदेश बनाता है। | विक्रेता एक चालान बनाता है। |
संपार्श्विक | क्रय आदेश छद्म-संपार्श्विक के रूप में कार्य करता है। | प्राप्य चालान छद्म-संपार्श्विक के रूप में कार्य करते हैं। |
पीओ फाइनेंसिंग:
- कब मिलता है फंडिंग? पीओ फाइनेंसिंग में आपको फंडिंग तभी मिलती है जब आपको कोई बड़ा ऑर्डर मिल चुका होता है। आप उस ऑर्डर के क्रय आदेश को आधार बनाकर फाइनेंसिंग कंपनी से धन प्राप्त करते हैं।
- फंडिंग किस काम के लिए? यह फंडिंग आपको उस बड़े ऑर्डर को पूरा करने के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने के लिए दी जाती है।
- जोखिम का दायरा: जोखिम का दायरा व्यापक होता है क्योंकि फाइनेंसिंग कंपनी को इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि आपूर्तिकर्ता उस ऑर्डर को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा करेगा।
इनवॉइस फाइनेंसिंग:
- कब मिलता है फंडिंग? इनवॉइस फाइनेंसिंग में आपको फंडिंग तभी मिलती है जब आपने पहले ही किसी ग्राहक को माल या सेवाएं दे दी हों और अब उसका भुगतान मिलने में देरी हो रही हो। आप अपने उस बिल (इनवॉइस) को आधार बनाकर फाइनेंसिंग कंपनी से धन प्राप्त करते हैं।
- फंडिंग किस काम के लिए? यह फंडिंग आमतौर पर आपके नियमित कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए काम आती है, जैसे वेतन भुगतान, किराये का भुगतान आदि।
- जोखिम का दायरा: जोखिम का दायरा अपेक्षाकृत कम होता है क्योंकि फाइनेंसिंग कंपनी को कम चिंता होती है कि ग्राहक उसका बिल चुकाएगा, क्योंकि माल या सेवाएं तो ग्राहक को पहले ही मिल चुकी होती हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
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पीओ वित्तपोषण के लिए ब्याज दर क्या है?
हालाँकि ऋण पर लगाई गई ब्याज दरें आम तौर पर ऋणदाता से ऋणदाता तक भिन्न होती हैं, फिर भी वे आम तौर पर प्रति वर्ष 24% तक और/या रुपये तक फ्लैट ब्याज होती हैं। आवंटन की तिथि तक प्रति आईपीओ आवेदन 30,000 रु।
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पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग क्यों?
यह सुविधा व्यवसायों को खरीदारों का चालान करने से पहले आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करने की अनुमति देती है क्योंकि कई एसएमई ऑर्डर प्राप्त करने के समय नकदी प्रवाह की कमी के कारण बड़े ऑर्डर को पूरा करने में सक्षम नहीं होते कक्षहैं।
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पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग का उपयोग कौन करता है?
छोटे व्यवसाय, नए व्यवसाय और उप-इष्टतम क्रेडिट इतिहास वाले व्यवसाय मालिक सभी खरीद ऑर्डर वित्तपोषण का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे फैक्टरिंग कंपनी द्वारा स्थापित मानदंडों को पूरा करते हों।
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पीओ वित्तपोषण का एक उदाहरण क्या है?
उदाहरण के लिए, मान लें कि आपके पास एक पर्चेज़ ऑर्डर फाइनेंसिंग समझौता है जिसमें आपूर्तिकर्ता को $100,000 का भुगतान किया जाता है। वित्तपोषण कंपनी प्रति 30 दिनों में 2% का शुल्क लेती है। यदि आपके ग्राहक को अपने चालान का भुगतान करने में 30 दिन लगते हैं, तो आपकी कुल फीस $100,000 का 2% या $2,000 है।